मेरी दो बहनें हैं और दोनों ही मुझ से छोटी हैं। एक बहिन जोधपुर में तो दूसरी दिल्ली में रहती है। इस बार बहनों की इतनी शिद्दत से याद आई कि रो ही उठा। शायर हूँ तो हर बात शायरी में ही कहने की कोशिश करता हूँ।
दिल ने कहा;
में बैठा परदेस में घर से कोसो दूर।
हाथ पे बाँधी रेशम डोर लिक्खा जोधपुर।
_ एम् आई ज़ाहिर
09928986086
Monday, August 30, 2010
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