Monday, August 30, 2010

राखी पर बहनों की yaad

मेरी दो बहनें हैं और दोनों ही मुझ से छोटी हैं। एक बहिन जोधपुर में तो दूसरी दिल्ली में रहती है। इस बार बहनों की इतनी शिद्दत से याद आई कि रो ही उठा। शायर हूँ तो हर बात शायरी में ही कहने की कोशिश करता हूँ।

दिल ने कहा;
में बैठा परदेस में घर से कोसो दूर।
हाथ पे बाँधी रेशम डोर लिक्खा जोधपुर।
_ एम् आई ज़ाहिर
09928986086